एक सितंबर से दिल्ली पुलिस में होगा नया सिस्टम
एक सितंबर से दिल्ली पुलिस में होगा नया सिस्टम
नई दिल्ली, 24 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आगामी एक सितंबर से दिल्ली के सभी पुलिस थानों में कानून व्यवस्था और जांच संभालने के लिए अलग से टीम तैनात की जाएंगी।
पुलिस में कानून व्यवस्था और जांच को दो अलग हिस्सों में बांटने का सपना कई पुलिस कमिश्नर ने देखा था। इसके लिए ट्रायल भी करवाया, लेकिन यह सपना मूर्त रूप नहीं ले सका था। अब दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इसे संभव कर दिखाया है।
पुलिस की दो टीम करेंगी काम
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, एक सितंबर से थाने दो अलग हिस्सों में काम करेंगे। एक टीम इलाके में गश्त, कॉल अटेंड और कानून व्यवस्था का जिम्मा संभालेगी। दूसरी टीम मामले की एफआईआर दर्ज करेगी, उसकी जांच, अपराधियों को पकड़ने और कोर्ट में साक्ष्य रखकर आरोपित को सजा दिलवाएगी।
इससे कानून व्यवस्था भी बेहतर होगी और अपराधियों को सजा दिलवाने के प्रतिशत में भी सुधार होगा। इस बदलाव के लिए दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट को भी थाने से जोड़ दिया गया है। दिल्ली की प्रत्येक बीट में बीट ऑफिसर के साथ एक पीसीआर वैन तैनात रहेगी जो गश्त करने के साथ कॉल अटेंड करेगी।
पीसीआर वैन में दो पुलिसकर्मी 24 घंटे रहेंगे तैनात
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की तरफ से सभी रेंज के संयुक्त आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि वह थाने में तैनात पुलिसकर्मियों की बीट और डिवीजन को पीसीआर की बीट के साथ जोड़े। इन दोनों को मिलाने के बाद पीसीआर वैन में दो पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे जो बीट में गश्त करेंगे और पीसीआर कॉल को अटेंड करेंगे।
वह अपने इलाके में होने वाली अवैध गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे। उनकी जिम्मेदारी होगी कि किसी भी प्रकार की कॉल पर जाकर वह इसे थाने के क्राइम स्टाफ के हवाले करें। इसके बाद वह वापस गश्त पर लग जाएंगे।
सीमा विवाद को डीसीपी और ज्वाइंट सीपी देखेंगे
अगर किसी बीट को लेकर क्षेत्र में समस्या है तो डीसीपी और ज्वाइंट सीपी अपने स्तर पर उसे सुलझाएंगे। आगामी 26 अगस्त तक इसे पूरा करने के निर्देश पुलिस कमिश्नर की तरफ से दिए गए हैं।
लड़कियों के स्कूल-कॉलेज की सुरक्षा का जिम्मा महिला पुलिसकर्मियों के पास
इसमें खासतौर से महिला पुलिसकर्मियों को उन बीट में लगाने के लिए कहा गया है जहां पर लड़कियों के स्कूल और कॉलेज हैं। किसी भी प्रकार की कानून व्यवस्था संबंधी कॉल आने पर पीसीआर की टीम मौके पर पहुंचेगी। अगर वहां पर अधिक फोर्स की जरूरत होगी तो वह इसकी जानकारी कानून व्यवस्था के इंस्पेक्टर और एसएचओ को देंगे। थाने में तैनात एटीओ अब लॉ एंड ऑर्डर का काम संभालेंगे। वहीं इन्वेस्टिगेशन इंस्पेक्टर अपराध और इन्वेस्टिगेशन देखेंगे।
कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो मिलेगी फोर्स
प्रत्येक थाने को बाहर से भी फोर्स मिलती है। ऐसे में कभी भी कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो वहां पर पुलिस फोर्स उपलब्ध कराई जाएगी। यह इंस्पेक्टर लॉ एंड ऑर्डर और एसएचओ की जिम्मेदारी होगी कि वह कानून व्यवस्था को संभालने के लिए उचित समय पर फोर्स का बंदोबस्त करे और हालात को काबू करें। ऐसे पुलिसकर्मी पीसीआर जो बीट में तैनात नहीं होंगे, उन्हें कानून व्यवस्था में तब तक नहीं बुलाया जाएगा जब तक बहुत आवश्यक न हो।
सभी पीसीआर वैन जीपीएस ऑन रखेंगी
पुलिस के अनुसार, सभी पीसीआर वैन अपनी जीपीएस लोकेशन ऑन रखेंगी। अगर किसी की लोकेशन बंद होती है तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जायेगा। पीसीआर और थाने की बीट मिलने की वजह से यह इलाका काफी बड़ा होगा। इसलिए ऐसे पुलिसकर्मियों को इसमें लगाया जाएगा जो बातचीत करने में बेहतर हों और कानून व्यवस्था को अच्छे से संभाल सकें।
उच्च शिक्षित पुलिसकर्मियों को जांच अधिकारी बनाया जायेगा
थाने में उन सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर और हवलदार को जांच अधिकारी बनाया जाएगा जो उच्च शिक्षित हैं और जांच करने में माहिर हैं। इनका काम न केवल जांच करना होगा बल्कि कोर्ट में चल रहे मुकदमों की मॉनिटरिंग करना भी होगा। जांच अधिकारी सरकार द्वारा तय किए गए समय के अनुसार काम करेंगे, लेकिन थाने में एक इमरजेंसी क्राइम टीम 24 घंटे मौजूद रहेगी। वह एफआईआर रजिस्टर करने, साक्ष्य जुटाने और कॉल अटेंड करने के बाद उससे संबंधित कार्रवाई करने के लिए मौजूद रहेंगे।
जनता के लिए सहायता डेस्क
थाने में ड्यूटी ऑफिसर, जनता के लिए मौजूद सहायता डेस्क, वूमेन हेल्प डेस्क और अन्य कार्य की देखरेख एसएचओ के पास होगी। थाने की मेंटेनेंस, बैरक, गाड़ियां आदि भी एसएचओ के अधीन होंगे। आईसीएमएस, सीसीटीएनएस और आईसीजेएस की जिम्मेदारी भी जांच इंस्पेक्टर के द्वारा से एसएचओ की होगी। थाने में तैनात इंस्पेक्टर लॉ एंड आर्डर और इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन एसएचओ को रिपोर्ट करेंगे।