नाबालिग से रेप व हत्या केस में दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
नाबालिग से रेप व हत्या केस में दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुराना नांगल में बच्ची से रेप और हत्या की एसआईटी जांच की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने बच्ची के माता-पिता की याचिका पर 8 नवंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान बच्ची के माता-पिता की ओर से वकील जीतेंद्र कुमार झा ने कहा कि बच्ची के साथ न केवल रेप किया गया बल्कि उसे जलती चिता में फेंक दिया गया। पुलिस ने आरोपियों को बचाने का ही काम किया है। जब बच्ची की मां को घटना के बारे में पता चला तो श्मशान घाट पर बुलाया गया। चारों आरोपियों ने बच्ची की मां से कहा कि उसकी बेटी की करंट लगने से मौत हो गई है। आरोपियों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को नहीं देने को कहा। जब उसकी मां ने बच्ची को नजदीक से देखा तो कटने का निशान देखा। उसकी मां ने बच्ची के नाक से खून बहते हुए देखा। उसका होंठ नीला पड़ गया था। बच्ची के पिता को बाजार से उठाकर लाया गया और उसकी मां के साथ श्मशान में बंद कर दिया गया। उसके माता-पिता से कहा गया है वे पुलिस को सूचना नहीं दें। झा ने कहा कि बच्ची को जलती चिता पर फेंक दिया गया। पुलिस साढ़े पांच घंटे के बाद आई जबकि पुलिस थाना महज एक किलोमीटर की दूरी पर है।
झा ने कहा कि ये पुलिस का कर्तव्य है कि वो घटनास्थल को सुरक्षित रखें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने बच्ची के माता-पिता को ही पकड़ लिया और उन्हें प्रताड़ित किया गया। पुलिस ने 2 अगस्त को सुबह नौ बजे एफआईआर दर्ज किया। बच्ची के माता-पिता को हमेशा धमकियां दी गई कि या तो वो बात मानें या नतीजा भुगतने को तैयार रहें। बच्ची के माता-पिता अशिक्षित हैं, वे केवल अंगूठा लगा सकते हैं। बच्ची की मां से बात करने पर पता चला कि उसे न्यायपालिका में भरोसा है जिसके बाद वो कोर्ट पहुंची है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील संजय लॉ ने कहा कि शव जलाया जा चुका था। याचिकाकर्ता सुरक्षा और एसआईटी जांच की मांग कर रहे हैं। डीसीपी ने एसआईटी का गठन कर दिया है और दो एसीपी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। चौबीसों घंटे सुरक्षा दी गई है। जांच क्राईम ब्रांच को सौंप दी गई है। तब कोर्ट ने झा से कहा कि एसआईटी का गठन कर दिया गया है तो आप याचिका वापस ले रहे हैं। तब झा ने कहा कि नहीं। उन्होंने कहा कि आरोपियों से पहली बार पूछताछ घटना के नौ दिन बीतने के बाद की गई। तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
बता दें कि पिछली 13 अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट ने बच्ची की मां को ढाई लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस मामले के चारो आरोपी अभी न्यायिक हिसासत में हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले के चारो आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
बता दें कि पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले के चारो आरोपियों को तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा था । दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पुजारी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। घटना 1 अगस्त की शाम की है। बच्ची की हत्या के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था। इसके बाद इस घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि बच्ची की हत्या करने से पहले उसके साथ रेप किया गया। पुलिस ने बच्ची की मां के बयान के आधार पर पुजारी और तीन अन्य आरोपियो के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376 और 506 , पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं।