पौराणिक रामेश्वर नाथ मंदिर पर उमड़ी भीड़
पौराणिक रामेश्वर नाथ मंदिर पर उमड़ी भीड़
फर्रुखाबाद, 02 अगस्त (हि.स.)। सावन के दूसरे सोमवार को श्री रामेश्वर नाथ मंदिर पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस मंदिर की स्थापना त्रेता युग मे भगवान राम के भाई शत्रुघ्न ने की थी। इस वजह इस मंदिर का पौराणिक महत्व है।
बताते चलें कि, कम्पिल नगरी का महत्व पौराणिक व ऐतिहासिक रूप से होने की वजह से इस नगरी में दूर-दराज पर्यटक आते हैं। कम्पिल नगरी को महाभारत काल में पांचाल प्रदेश का दर्जा प्राप्त था। द्रोपदी का जन्म इसी नगरी में हुआ था। जैन धर्म के बाबा विमल नाथ का जन्म इस नगर में ही हुआ था। जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी ने इस नगरी में ही पहला प्रवचन दिया था। त्रेता युग में शत्रुघ्न ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। जिसे रामेश्वर नाथ मंदिर के नाम से जाना जा रहा है।
मंदिर के पुजारी कैलाश गिरी बताते है कि इस ज्योतिर्लिंग का महत्व सेतु बन्ध रामेश्वर में बने मंदिर के बराबर है। शास्त्रों के अनुसार भगवान राम के भाई शत्रुघ्न की ससुराल संकिसा में थी। इस वजह से उन्होंने पौराणिक नगरी कम्पिल में ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।
महंत कैलाश गिरी बताते हैं कि कोरोना काल में भी यहां सावन के महीने में आने वाले शिव भक्तों की संख्या कम नहीं हुई।आज सावन के दूसरे सोमवार को यहां भक्तों ने आकर जलाभिषेक किया। कोरोना को देखते हुए भक्तों को कोविड नियमों का पालन करा कर पूजन अर्चन करने की इजाजत दी गई।
वही, दूसरी तरफ जिले भर के शिवालयों में आज भारी भीड़ रही। दूर-दराज से आये शिव भक्तों ने पांचाल घाट पर स्नान कर भोले भंडारी का जलाभिषेक किया। समाचार लिखे जाने तक शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है। पिछले 05 साल से सावन के महीने में श्री सोमनाथ मंदिर में कांवर के कर आ रहे भिंड जिले के रहने वाले वाले रामचरण बताते हैं कि वह जो भी भोले भंडारी से मनोती मांगते हैं। वह पूरी हो जाती है। इस साल कावड़ यात्रा पर रोक की वजह से वह बोतल में गंगाजल भर कर लाये ओर भोले भंडारी पर अर्पित कर दिया।