मारुति में सेमीकंडक्टर का संकट अस्थायी, वर्ष 2022 तक होगा दूर : चेयरमैन
मारुति में सेमीकंडक्टर का संकट अस्थायी, वर्ष 2022 तक होगा दूर : चेयरमैन
नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा कि वाहन उद्योग के समक्ष आ रही सेमीकंडक्टर की कमी अस्थायी है। यह समस्या वर्ष 2022 तक दूर होने की उम्मीद है। भार्गव ने मंगलवार को कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी से मारुति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है, लेकिन इससे कंपनी का उत्पादन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एमएसआईएल की वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी कार कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र में गुंजाइश तलाश रही है। हालांकि, ईवी क्षेत्र में कंपनी का प्रवेश तभी होगा, जब मूल्य के हिसाब से यह उपभोक्ताओं के लिए व्यावहारिक होगा और कंपनी को भी कोई नुकसान नहीं होगा।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी के चेयरमैन भार्गव ने कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मारुति परंपरागत कार उद्योग की अग्रणी कंपनी है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में ईवी क्षेत्र में भी सबसे बड़ी कंपनी बनना चाहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की पहुंच तभी बढ़ेगी, जब उपभोक्ताओं तक इसकी लागत सस्ती बैठेगी।
एक शेयरधारक के सवाल पर भार्गव ने कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी कोविड-19 की वजह से पैदा हुई, जो अस्थायी समस्या है। उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि वर्ष 2022 तक यह कमी दूर हो जाएगी। चिप की आपूर्ति में बाधा से उत्पादन पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा कि इससे उत्पादन को कुछ नुकसान हुआ है, जिसका हमें समायोजन करना पड़ा है। लेकिन, इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, जिसकी चिंता की जाए। भार्गव ने कहा कि मारुति ने मौजूदा वित्त वर्ष में विभिन्न कारोबारी उद्देश्यों पर 4,500 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है।