वैवाहिक विवाद में गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई, अधिकारियों का शरारत भरा कदम : हाईकोर्ट
वैवाहिक विवाद में गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई, अधिकारियों का शरारत भरा कदम : हाईकोर्ट
–ऐसी कार्रवाई रोकने के लिए सरकार से जवाब तलब
प्रयागराज, 08 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवाद में दर्ज मुकदमे के आधार पर आरोपी को गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करने का नोटिस जारी करने को गम्भीरता से लिया है। कोर्ट ने कहा कि बिना किसी आधार के गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई का नोटिस जारी करना अधिकारियों द्वारा प्रथम दृष्टया शरारत भरा कदम है। कोर्ट ने ऐसी कार्यवाही की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है।
सोनभद्र के शिव प्रसाद गुप्ता की याचिका पर न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 09 सितम्बर को होगी।
याचिका में अपर जिला अधिकारी सोनभद्र द्वारा याची को जारी गुंडा एक्ट की धारा 2(बी) के नोटिस को चुनौती दी गई। याची के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट और धमकी देने का मुकदमा उसकी पत्नी ने दर्ज कराया है। इस मुकदमे को आधार बनाते हुए जिला प्रशासन सोनभद्र ने याची को गुंडा एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। कोर्ट का कहना था कि नोटिस में कोई भी ऐसा तथ्य नहीं है जिससे गुंडा एक्ट की धारा 2बी के तहत कोई मामला बनता हो। इससे प्रतीत होता है कि नोटिस बिना क्षेत्राधिकार के जारी किया गया है। कोर्ट ने कहा कि अब अधिकारी वैवाहिक विवाद में भी गुंडा एक्ट के तहत नोटिस जारी करने लगे हैं और यह प्रथमदृष्टया अधिकारियों का शरारती कदम है।
इसी प्रकार के एक अन्य मामले में भी जब कोर्ट की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया तो अधिकारियों ने केस वापस ले लिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।