शिक्षिका के दूसरी बार अन्तरजनपदीय तबादला अर्जी को आधार बनाकर खारिज करना गलतः हाईकोर्ट
शिक्षिका के दूसरी बार अन्तरजनपदीय तबादला अर्जी को आधार बनाकर खारिज करना गलतः हाईकोर्ट
प्रयागराज, 08 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी द्वारा अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए दिए गए आवेदन को मात्र इस आधार पर नहीं खारिज किया जा सकता कि उसने दूसरी बार अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा फतेहपुर में नियुक्त शिक्षिका शशी सिंह द्वारा दिए गए अंतरजनपदीय स्थानांतरण के आवेदन को रद्द करने का आदेश खारिज़ कर दिया है।
कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह याची का आवेदन मात्र इस आधार पर निरस्त न करें कि उसने दोबारा अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग की है। तथा इस फैसले के आलोक में अधिकारियों को स्थानांतरण आवेदन पर छह सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। शशि सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सुनवाई की ।
याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची ने फतेहपुर से वाराणसी स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। मगर उसका आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि याची पहले भी एक बार अंतरजनपदीय स्थानांतरण ले चुकी है। अधिवक्ता का कहना था कि इस मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है की 1981 की नियमावली के नियम 21 और 2008 की नियमावली के नियम 8 (2)(डी) के अनुसार कर्मचारी को एक से अधिक बार अंतरजनपदीय तबादले के लिए आवेदन करने की छूट है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि मात्र आवेदन करने से स्थानांतरण का अधिकार नहीं उत्पन्न होता है। यह तब भी सरकार के विवेक पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण का आवेदन निरस्त करने सम्बंधी आदेश रद्द करते हुए मामले का 6 सप्ताह में निस्तारण करने का आदेश दिया है।