भगवान शिव को समर्पित सावन माह
अवांतर न्यूज़ : सावन का महीना भगवान शिव की साधना का सबसे महत्वपूर्ण महीना है | सावन के सोमवार का महत्वा हमे शास्त्रों, पुराणों में तो मिलता ही है साथ ही साथ ज्योतिष दृष्टिकोण से भी ये माह बहुत महत्वपूर्ण है |
जैसा की हम जानते है कि ब्रम्हांड और मानव शरीर कि संरचना पांच तत्वों से हुई है | सावन माह में जल तत्त्व की प्रधानता रहती है | सावन माह चातुर्मास का पहला माह है | ज्योतिष शास्त्र में चंद्र देव की जल तत्त्व पे प्रभुता है इसलिए सावन के पहले सोमवार कि महत्त्वा बढ़ जाता है | भगवान शिव जिनको चंद्रशेखर के भी नाम से जाना जाता है वो ही चंद्र देव के अधिपति भगवान माने जाते है |
ज्योतिष शास्त्र में भगवान शिव और चंद्र देव का रिश्ता गुरु और शिष्य का है | साथ ही भगवान शिव चंद्र देव को अपने मस्तक पे मुकुट कि तरह धारण किये हुए है और चंद्र देव भगवान शिव के संरक्षण में है | ऐसे में सावन माह के सोमवार की महत्वता अधिक बढ़ जाती है |
सावन में भगवान शिव के लिंग स्वरुप की उपासना और पूजा का प्रचलन है | भगवान शिव लिंग स्वरुप में ब्रम्हांड को दर्शाते है | सावन में भगवान शिव की आराधना और उपासना से मनुष्य ब्रम्हांड कि दिव्य ऊर्जा (कॉस्मिक एनर्जी) से जुड़ता है साथ ही साथ मानसिक शांति भी प्राप्त करता है क्योँकि चंद्र देव मन के भी कारक माने जाते है |
सावन में समस्त बाधाओं के शमन और भौतिक सुखो कि प्राप्ति के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए साथ ही साथ एक लोटा जल भी शिवलिंग पे अर्पित करने कि मान्यता है | ज्योतिष शास्त्र में बाधाओं के शमन के अनेको उपाय दिए हुए है कुछ प्रचलित उपायों में –
-शिवलिंग पे जल अर्पित करना,
-शिवलिंग पे दूध अर्पित करना,
-बेल पत्र अर्पित करना,
-रुद्राक्ष धारण करना,
-भगवान शिव के मंत्रो का जप करना,
इन उपायों को करने से मनुष्य को सुख, शांति और समृद्धि कि प्राप्ति होती है |
डिस्क्लेमर: किसी ज्योतिषाचार्य से परामर्श करके ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए |