हाईकोर्ट ने गृह सचिव को भेजा अवमानना का नोटिस
हाईकोर्ट ने गृह सचिव को भेजा अवमानना का नोटिस
रांची, 24 अगस्त (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में नई पुलिस नियुक्ति नियमावली के खिलाफ दाखिल याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में आदेश का पालन नहीं करने पर गृह सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है।
अदालत ने पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए। अदालत ने इस मामले में चार साल पहले अपने आदेश में कहा था कि पुलिस बहाली कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी। लेकिन सरकार ने नियुक्ति पत्र में इस शर्त की जानकारी नहीं दी है। अदालत ने सरकार को इसकी सूचना अखबार और व्यक्तिगत रूप से सभी अभ्यर्थियों को सूचित करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस नियुक्ति नियमावली 2014 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया। अदालत ने 16 जनवरी 2017 को इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया था कि इस नियमावली के तहत नियुक्त होने वाले कांस्टेबलों के नियुक्ति पत्र में नियुक्ति हाई कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होने की बात अंकित करने को कहा था लेकिन नियुक्ति पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
झारखंड में सिपाही नियुक्ति नियमावली को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में करीब 50 याचिकाएं दायर की गयी हैं। इसमें कहा गया है कि सरकार की यह नियमावली पुलिस मैनुएल और पुलिस एक्ट के खिलाफ है। नई नियमावली में लिखित परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स की शर्त भी गलत है। इसलिए नई नियमावली को निरस्त कर देना चाहिए।
इस मामले में जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल का कहना है कि नई नियमावली के अनुसार ही वर्ष 2015 में सभी जिलों में सिपाही और जैप के जवानों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2018 में पूरी कर ली गई है। इस पर वादियों की ओर से कहा गया कि पूर्व में हाई कोर्ट की एकलपीठ ने इस मामले के अंतिम फैसले से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होने का आदेश दिया था।लेकिन नियुक्ति पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया है। इस नियमावली से राज्य में 6800 से अधिक पुलिस और जैप के कांस्टेबलों की नियुक्ति हो चुकी है।
Photo Courtesy: https://www.jharkhandhighcourt.nic.in/new-photo-gallery