यौन उत्पीड़न मामले में बांबे हाई कोर्ट का फैसला पलटने की मांग
यौन उत्पीड़न मामले में बांबे हाई कोर्ट का फैसला पलटने की मांग
नई दिल्ली,25 अगस्त (हि. स.) । पॉक्सो एक्ट पर बांबे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने निचली अदालत के फैसले को पलटने की मांग की। उन्होंने कहा कि पॉक्सो अपराधों के लिए स्किन टू स्किन कांटेक्ट जरूरी करना दस्ताने पहनकर यौन शोषण करनेवाले को बरी करने के बराबर है।
अटार्नी जनरल ने जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि बांबे हाईकोर्ट का फैसला एक खतरनाक और अपमानजनक मिसाल है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सर्जिकल दस्ताने की एक जोड़ी पहनकर एक बच्चे का यौन शोषण करता है तो उसे बरी कर दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वकील राहुल चिटनिस ने अटार्नी जनरल की दलीलों का समर्थन किया।
बता दें कि पिछले फरवरी महीने में महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग ने बांबे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 27 जनवरी को बांबे हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दिया था, जिसमें एक नाबालिग का वक्ष दबाने वाले व्यक्ति से यौन दुराचार की धारा हटा दी गई थी। बांबे हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना कपड़े उतारे ऐसा करना सिर्फ गरिमा को ठेस पहुंचाने का मामला है।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
दरअसल बांबे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने पिछले 19 जनवरी को अपने फैसले में लिखा कि सिर्फ वक्ष स्थल को जबरन छूना मात्र यौन उत्पीड़न नहीं माना जाएगा। इसके लिए यौन मंशा के साथ स्किन टू स्किन कांटेक्ट होना जरूरी है। हाईकोर्ट ने इसे गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला मामला माना।