निरुद्ध लड़की को हाईकोर्ट में पेश करने का आदेश
निरुद्ध लड़की को हाईकोर्ट में पेश करने का आदेश
प्रयागराज, 27 अगस्त (हि.स)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मित्र की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर निरुद्ध लड़की को 31 अगस्त को कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने पुलिस थाना प्रभारी रोहनिया, वाराणसी से सत्यापित करने को कहा है कि याची अपने पिता के घर अवैध रुप से निरुद्ध है या वहां अपनी मर्जी से रह रही हैं। कोर्ट ने विपक्षी पिता को भी नोटिस जारी की है। यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने शिवानी गुप्ता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने द्वितीय याची प्रितोष यादव को कथित निरुद्ध याची के पक्ष में 20 हजार रुपए का डिमांड ड्राफ्ट 27 अगस्त तक महानिबंधक के समक्ष जमा करने का निर्देश दिया है।
मामला दरअसल प्रेम सम्बंध का है, जहां बीएचयू के विधि संकाय एल.एल.बी अंतिम वर्ष के छात्र प्रितोष यादव ने अपनी प्रेमिका को उसके माता-पिता द्वारा अवैध रुप से निरुद्ध किये जाने के आरोप में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।
याची के अधिवक्ता ने कहा कि याची नम्बर दो जो प्रितोष यादव की महिला मित्र है उसके परिवार द्वारा गत 26 मई से महिला मित्र को अवैध निरुद्धि में रखा गया है। जिलाधिकारी, वाराणसी के समक्ष दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 97 के तहत आवेदन देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी और न ही पुलिस के तरफ से कोई कार्रवाई की गयी। अपर शासकीय अधिवक्ता की तरफ से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत याची लड़की का दर्ज बयान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।