हाईकोर्ट में युवी के वकील को फटकार,अब छह सितंबर को होगी अगली सुनवाई
हिसार : पुलिस का दावा जांच में सहयोग नही कर रहे क्रिकेटर युवराज
हिसार, 28 अगस्त (हि.स.)। अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में जिले के हांसी थाना शहर में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम व भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज मामले को खारिज करने के लिए युवराज सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने युवराज सिंह की तरफ से पेश होकर हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष कहा कि वे इस मामले में एक रिजॉइंडर फाइल करना चाहते हैं, इसलिए उन्हें समय दिया जाए। इस पर शिकायतकर्ता रजत कलसन के अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने कहा कि इस मामले में पहले ही बहुत समय दिया जा चुका है तथा आज की पेशी अंतिम बहस के लिए मुकर्रर थी और वे इस मामले में बहस करना चाहते हैं इसलिए इस मामले में बहस सुनी जाए। इस दौरान हाईकोर्ट की बेंच ने सरकारी वकील से जांच का स्टेट्स पूछते हुए कहा कि क्या युवराज सिंह को जांच में शामिल किया गया है। इस पर सरकारी वकील ने बताया कि युवराज सिंह एक बार जांच में शामिल हुआ है लेकिन उसने जांच में सहयोग नहीं किया तथा ना ही उसने अपना मोबाइल फोन पुलिस को सौंपा है। इस काम के लिए उससे हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।
इस पर अदालत ने युवराज सिंह के वकील को फटकार लगाते हुए अगर आप जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो अदालत इस मामले में युवराज सिंह के खिलाफ जो सख्त कार्रवाई के बारे में रोक लगाई हुई है, अदालत उसे हटाने से गुरेज नहीं करेगी। इस पर युवराज के वकील ने कहा कि पिटीशनर युवराज सिंह दुबई गया हुआ है तथा उसके आते ही वे उसे जांच में शामिल कर पूरी तरह सहयोग करेंगे। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने अदालत से कहा कि इस मामले को छोटी तारीख पेशी दी जाए जिस पर अदालत ने इस मामले में आगामी तारीख पेशी छह सितंबर मुकर्रर कर कहा कि इस तारीख पर दोनों पक्षों की बहस सुनी जाएगी। अगर कोई पक्ष अपना कोई दस्तावेज या जवाब दाखिल करना चाहे तो इस तारीख से पहले-पहले कर सकता हैं।
ज्ञात रहे कि युवराज सिंह ने अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अपमानजनक व आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके चलते उसके खिलाफ दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने हांसी थाना शहर में एससी एसटी एक्ट व आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर हाईकोर्ट ने युवराज के खिलाफ पुलिस की उत्पीड़न कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।