वैदिक मंत्रों के साथ मनाया गया संस्कृत दिवस महोत्सव
बिहारशरीफ, (हि.स.)! नालंदा में संस्कृत दिवस के अवसर पर इसलामपुर प्रखण्ड के वैदिक साहित्य संस्कृत उच्च विद्यालय के प्रांगण में संस्कृत दिवस महोत्सव मनाया गया. संस्कृत दिवस महोत्सव को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि आज के परिवेश में गिरते संस्कार को देखते हुए संस्कृत की महत्ता बढ़ती जा रही है लेकिन नौजवान पीढ़ी कही न कही इससे दूर होते जा रहे हैं.उसका प्रमुख कारण छात्रों के पठन पाठन में सीबीएसई एवं आईसीएसई के पाठ्यक्रम के तरफ़ झुकाव होना है ,जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि संस्कृत भाषा ही सारे भाषाओं की जननी है हिंदू सभ्यता में या यूँ कहिए कि जब से सनातन धर्म की शुरुआत हुई तब से ही संस्कृत की सार्थकता सामने है जन्म से लेकर मरण तक यानी मनुष्य के पूरे जीवनकाल एवं मरणोपरांत भी सारा पूजा एवं विधि विधान का कार्य संस्कृत भाषा में ही किया जाता है फिर भी आज यह उपेक्षित है यह समझने की बात है. उन्होने कहा कि आज से ही हम लोग इस बात का संकल्प लें कि प्रतिदिन हमलोग अपने सोशल मीडिया पर संस्कृत का प्रचार प्रसार करना शुरू कर दें.
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में जितने भी वेद उपनिषद लिखे गये हैं जिनपर हमलोग चल रहे हैं सभी संस्कृत भाषा में है या जो भी पूजापाठ हमलोग करते हैं या करवाते हैं वह सारा संस्कृत में ही होता है उन्होंने कहा कि संस्कृत के बिना हमारा जीवन अधूरा है आज वह समय आ गया है जब वो घर पर ही बचपन से बच्चों को संस्कृत की शिक्षा देनी चाहिए कहीं न कहीं संस्कृत को विलोपित करने के पीछे की सरकार की जो भी मनसा रही हो हमारा समाज और हम भी उतनी ही दोषी है जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने आज रक्षाबंधन के दिन से ही रक्षासूत्र के साथ यह शपथ लेने की बात कही कि हम लोग संस्कृत के प्रचार प्रसार करने मेंकोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे बल्कि उन्होने केन्द्र व राज्य सरकार से माँग करते हुए कहा कि सी बीएस ई और आई सी एस ई के बोर्ड में भी बिहार बोर्ड की तरह की संस्कृत को अनिवार्य विषय का दर्जा दिया जाय साथ ही संस्कृत विद्यालय पंचायत स्तर पर एवं संस्कृत महाविद्यालय प्रखंड स्तर पर खुलवाया जाए ताकि हमारी नई पीढ़ी को भी संस्कृत का ज्ञान हो. मौके पर जितेंद्र प्रसाद सिंह राजीवकुमार सर्वेश कुमार कउदय शंकर कुशवाहा मुन्ना पाण्डे नव प्रभात प्रशांत अरविंद कुमार के अलावे सैकड़ों लोग उपस्थित थे.