कोई भी व्यक्ति खुद की गलती का लाभ नहीं ले सकता : हाईकोर्ट
कोई भी व्यक्ति खुद की गलती का लाभ नहीं ले सकता : हाईकोर्ट
–वेतन वसूली के खिलाफ टीचर की याचिका खारिज
प्रयागराज, 03 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी स्वयं की गलती का लाभ नहीं ले सकता। बिना कानूनी अधिकार के किसी ने मिलीभगत व फ्राड से नियुक्ति लेकर वेतन लिया है तो उसे वापस करना चाहिए। अन्यथा यह गलत तरीके से धनवान बनना होगा।
कोर्ट ने कहा, फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी प्राप्त करने वाला वेतन की वसूली के खिलाफ अनुच्छेद 226 मे साम्या (इक्विटी) न्याय की मांग नहीं कर सकता। ऐसी वसूली कार्यवाही को मनमाना भी नहीं कहा जा सकता।
कोर्ट ने कौशाम्बी की फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र से नियुक्त सहायक अध्यापिका की नियुक्ति निरस्त कर वेतन वसूली नोटिस पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति आर एन तिलहरी की खंडपीठ ने मालती देवी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
मालूम हो कि याची ने फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र से नियुक्ति प्राप्त की। पता चलने पर नियुक्ति निरस्त कर दी गई। जिसे चुनौती दी गई तो हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी। याची को 10 जुलाई 20 को नोटिस जारी की गई कि गलत तरीके से लिया गया वेतन वापस करे। इस आदेश को भी चुनौती दी गई। याची का कहना था कि आदेश पर रोक लगा है। इसलिए वसूली नहीं की जा सकती।
सरकार की तरफ से बताया गया कि उप्र माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है। सत्यापन रिपोर्ट पर याची ने भी आपत्ति नहीं की। याची ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी बीएड डिग्री मामले में वसूली पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। इसलिए उससे भी वसूली न की जाय।