हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार के वकीलों के उपस्थित न होने पर कोर्ट खफा, एएसजीआई से मांगा जवाब
हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार के वकीलों के उपस्थित न होने पर कोर्ट खफा, एएसजीआई से मांगा जवाब
प्रयागराज, 11 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट में जिन मुकदमों में केंद्र सरकार पक्षकार है उनमें केंद्र सरकार की ओर से पैरवी नहीं की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि हमें यह कहते हुए दुःख है कि समय दिए जाने के बावजूद केंद्र सरकार के अधिवक्ता मुकदमों में सरकार का पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं हो रहे हैं।
कोर्ट ने इस मामले में अपर सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर 22 सितम्बर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। नेहरू युवा केंद्र की जिला संयोजक शमीम बेगम की याचिका पर न्यायमूर्ति डॉक्टर के जे ठाकर और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र की पीठ सुनवाई कर रही है।
याचिका के अनुसार याची को गलत तरीके से एचआरए का भुगतान करा लेने के आरोप में दोषी करार देते हुए कार्रवाई की गई। इसके खिलाफ याचिका केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने खारिज कर दी। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची कि सेवानिवृत्ति में मात्र 2 वर्ष बचे हैं और उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करते हुए उसके तीन इंक्रीमेंट स्थाई रूप से रोक दिए गए। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। मगर समय बीत जाने के बाद भी केंद्र की ओर से ना तो जवाब दाखिल किया गया और ना ही कोई अधिवक्ता केंद्र सरकार का पक्ष रखने के लिए उपस्थित हुआ।
इस पर कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य में केंद्र सरकार के मुकदमों की पैरवी ठीक से नहीं हो रही है। बावजूद इसके कि हमने सहायक सॉलीसीटर जनरल से अनुरोध किया। मगर मुकदमे में केंद्र सरकार की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। जबकि कोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि कोई ना कोई अधिवक्ता सुनवाई के दौरान उपस्थित होगा। याचिका की अगली सुनवाई 22 सितम्बर को होगी।